प्रेम को समझना: साथ होने का नृत्य और अस्तित्व की कला
लेखक: अभय सिंह (IIT बाबा) क्या प्रेम का मतलब अपने आप को खो देना है या खुद को अपनाना? यह एक ऐसा सवाल है जो हमें दो रास्तों में से एक चुनने को कहता है। लेकिन प्रेम कोई चुनाव नहीं है। न तो यह बलिदान है, न ही सिर्फ़ खुद को बनाए रखना—यह एक नृत्य…